DMCA.com Protection Status देशी घी के फायदे क्या है? घी के फायदे क्या है? - Ghee Ke Fayde in Hindi

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देशी घी के फायदे क्या है? घी के फायदे क्या है? - Ghee Ke Fayde in Hindi


हेल्लो दोस्तों ! कैसे है आपलोग? खबरिदुनियाँ (KhabariDuniyaaa) में आपका स्वागत है|

आज हम जानेगे घी क्या है, घी क्या होता है, घी के प्रकार कितने प्रकार होते है, देसी गाय के शुद्ध घी की पहचान कैसे करे, देसी घी में कौन सा विटामिन पाया जाता है, देशी घी के फायदे क्या है, घी के फायदे क्या है, देसी घी कब खाना चाहिए, कैसा घी नहीं खाना चाहिए, देसी घी के नुकसान क्या है, घर पर घी कैसे बनाते हैं, देसी घी कौन सा अच्छा है, और घी के बारे में पूरी जानकारी | 

 

 

    घी क्या है ? घी क्या होता है?

    Ghee Kya Hai? Ghee Kya Hota Hai? What is Ghee?

    घी एक विशेष प्रकार का मख्खन (बटर) होता है जो भारतीय उपमहाद्वीप (Indian subcontinent) में प्राचीन काल से भोजन के एक अवयव के रूप में उपयोग होता रहा है। भारतीय भोजन में खाद्य तेल के स्थान पर भी उपयोग होता है। यह दूध के मक्खन से बनाया जाता है। दक्षिण एशिया एवं मध्य पूर्व के भोजन में यह एक महत्वपूर्ण पदार्थ है।

     

    दुसरे शब्दों में कहे तो “जब मक्खन को अच्छी तरह पकाते हैं, तब पकने के बाद छाछ के अंश को अलग करने से जो पदार्थ तैयार होता है, उसे घी कहते हैं।“

    सभी प्रकार के तैलीय व चिकने पदार्थों में घी सबसे अच्छा माना गया है क्योंकि अन्य औषधियों के साथ पकाने से यह उनके बल को बढ़ा देता है। अन्य किसी भी चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थ में ऐसे गुण नहीं मिलते हैं।

    सभी प्रकार के घी में गाय का घी सबसे अच्छा माना गया हैं।

     

     

    घी को संस्कृत में क्या कहते है?

    Ghee ko Sanskrt Mein Kya Kahate Hai? What is Ghee Called in Sanskrit?

    घी को संस्कृत में घृतम् कहते है|

     

     

    घी के प्रकार कितने प्रकार होते है?

    Types of Ghee? Ghee Ke Prakaar

    घी के प्रकार

    आयुर्वेद के अनुसार दस सालों तक संरक्षित करके रखा गया घी पुराना घीकहलाता है। इसी तरह 100 साल तक रखे गए घी को कुम्भघृतऔर 100 साल से भी ज्यादा वक्त से रखे गए घी को महाघृतकहा जाता है।

     

    पुराने घी की महक काफी तीव्र होती है इसके बावजूद यह मिरगी, बेहोशी, मलेरिया एवं सिर, कान, आंख व योनि से जुड़े रोगों में फायदेमंद होता है।

     

    इसी तरह गाय और भैंस के दूध से तैयार घी का भी अपना अलग अलग महत्व है। हालांकि भैंस के घी की तुलना में गाय का घी ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट माना जाता है।

     

     

     

    देसी गाय के शुद्ध घी की पहचान कैसे करे?

    Desi Ghee ki Pahchan Kaise Kare? How to Identify Pure Ghee of Desi Cow?

     

    (1) असली घी की शुद्धता में मिलावट का शक हो तो सूखी मटकी पर कुछ घी रगड़कर रख दें। यदि कुछ समय पश्चात् वहाँ सफेदी की परत जम जाए तो ऐसी दशा में वह घी नकली होगा।

     

    (2) काँच की कटोरी में थोड़ा-सा सरसों का तेल लेकर उसमें थोड़ा-सा देसी घी डाल दें। यदि उस घी में मिलावट होगी तो वह घी तेल के बीच में टंगा हुआ तैरता दिखेगा और घी शुद्ध होगा तो पेंदे में बैठ जायेगा।

     

     

    घी में पाए जाने वाले अम्लों के नाम

    Names of Acids Found in Ghee

    Names of Acids Cow And Buffalo

    अम्लों के नाम गाय

    गाय (Cow)

    भैंस (Buffalo)

    ब्यूटिरिक (Butyric)

    2.6-4.4

    4.1-4.3

    कैप्रॉइक (Caproic)

    1.4-2.2

    1.31.4

    कैप्रिलिक (Caprylic)

    0.8-2.4

    0.4-0.9

    कैप्रिक (Capric)

    1.8-3.8

    1.7

    लौरिक (Lauric)

    2.2-4.3

    2.8-3.0

    मिरिस्टिक (Myristic)

    5.8-12.9

    7.3-10.1

    पामिटिक (Palmitic)

    21.8-31.3

    26.1-31.1

    स्टीएरिक (Stearic)

    0.0-1.0

    0.9-3.3

    ओलिइक (Oleic)

    28.6-41.3

    33.2-35.8

     

     

     

    देसी घी में कौन कौन से तत्व पाए जाते हैं?

    Ghee Me Kon Se Tatv Paye Jate hai? What Ingredients Are Found in Desi Ghee?

    पोषण जानकारी (Nutrition Information)

    एक चम्मच घी में होता हैं-

     

    कैलोरी

    42 कैलोरी

    प्रोटीन

    0 ग्राम

    वसा

    5 ग्राम

    कार्बोहाइड्रेट

    0 ग्राम

    फाइबर

    0 ग्राम

    चीनी

    0 ग्राम

     

     

    देसी घी में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

    Ghee me kon sa vitamin paya jata hai? Which vitamin is found in Ghee?

    घी इसका एक अच्छा स्रोत है (Ghee is a good source of):

      विटामिन ए

      विटामिन सी

      विटामिन डी

      विटामिन K

    घी भी विटामिन ई का एक उत्कृष्ट स्रोत है। अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन ई में महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सिडेंट को कैंसर, गठिया और मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने से जोड़ा गया है। विटामिन ई हृदय रोग के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है।

         

     

    देशी घी के फायदे क्या है? घी के फायदे क्या है?

    Ghee Khane Ke Fayde? Benefits of Desi Ghee?  

    बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी के लिए घी का सेवन काफी फायदेमंद होता है। शरीर को ताकत देने के अलावा यह शरीर की इम्युनिटी क्षमता को भी बढ़ाता है। जिससे कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। आइये ऐसे ही घी के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में जानते हैं :

    देशी घी के फायदे निम्नलिखित लिखित है:-

     

    1. पाचन में सुधार (Improve Digestion)

    पाचन शक्ति कमजोर होने का सीधा मतलब है कई तरह की बीमारियों को न्यौता देना। अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है जो कुछ भी गलत खाने से तुरंत हाजमा बिगड़ सकता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि घी का सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। हालांकि हमेशा घी का सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

     

    2. कमजोरी दूर करने में सहायक (Helpful in Reducing Weakness)

    घी के सेवन से शरीर की ताकत बढ़ती है। इसलिए कमजोर लोगों को घी खाने की सलाह दी जाती है। जो लोग बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं या जिम जाते हैं उन्हें भी घी का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। शिशुओं के आहार में घी ज़रूर शामिल करें इससे उनका मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का विकास ठीक ढंग से होता है।

     

    3. खांसी में फायदेमंद (Beneficial in Cough)

    खांसी होना एक आम समस्या है लेकिन अगर यह लम्बे समय तक रहे तो इसका इलाज करना ज़रुरी है। खांसी होने के कई कारण है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार खांसी होने पर घी का सेवन करना लाभकारी होता है। आप भी खांसी दूर करने का यह घरेलू नुस्खा ज़रूर आजमायें।

     

    4. मानसिक रोगों में फायदेमंद (Beneficial in Mental Diseases)

    घी के सेवन से याददाश्त और तार्किक क्षमता बढ़ती है। इसी तरह यह कई मानसिक रोगों में भी गुणकारी माना जाता है। हालांकि इसका सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सही खुराक के बारे में ज़रूर पूछ लें।

     

    5. बुखार में लाभदायक (Beneficial in Fever)

    कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि बुखार में घी का सेवन करने से राहत मिलती है। 

     

    6. वात के प्रभाव को कम करने में मदद (Helps in reducing the effects of Vata)

    वात के असंतुलित होने से शरीर के अनेक प्रकार के रोग होने लगते हैं। घी के सेवन से वात के प्रभाव को कम किया जा सकता है। जिससे वात के प्रकोप से होने वाले रोगों से बचाव होता है।

     

    7. नकसीर (Hemorrhage)

    रोगी की गर्दन पीछे झुकाकर लेटा दो और उसके नाक के दोनों नथुनों में पाँच पाँच बूंद देशी घी की डालकर रोगी को इसे साँस से अन्दर खेचने को कहो। इस तरह घी को सूंघने से नकसीर आना बन्द हो जाता है। यह क्रिया एक सप्ताह करें।

     

    8. कैंसर (Cancer)

    लिनोलैनिक फैटी एसिड कैंसर को रोकने में सक्षम है जो घी में प्रचुर मात्रा में मिलता है। जो लोग घी नित्य खाते हैं उनको कैंसर से बचाव होता है। दूध में घी मिलाकर पीने से और हलवे में घी मिलाकर खाने से कैंसर में लाभ होता है। शरीर निर्विष रहता है।

     

    9. प्रसूता (Maternity)

    गर्भधारण होने पर नियमित रूप से घी खाते रहने से गर्भस्थ शिशु का पूर्ण रूप से पोषण होता है, प्रसव सरलता से होता है। प्रसव के बाद घी खाने से कमजोरी दूर होती है।

     

    10. फफोला (Blister)

    मकड़ी मूतने से फफोले हो जाते हैं। इन पर घी और नमक मिलाकर लगाने से लाभ होता है।

    आमवात में पीड़ित स्थान पर घी में सेंधा नमक मिलाकर मालिश करें, सूजन व दर्द में आराम मिलेगा। असगंध के पत्ते या धतूरे के पत्ते पर घी लगाकर गर्म करके बाँधने से शीघ्र लाभ होता है।

     

    11. निमोनिया (Pneumonia)

    निमोनिया पीड़ित बच्चे के कमरे में चौबीस घण्टे घी का मोटी बत्ती का दिया जलाने से और उसी कमरे में पीड़ित बच्चे को रखने से निमोनिया ठीक हो जाता है।ghee in nose,disadvantages of ghee.

     

    12. जुकाम (Cold)

    विशेष रूप से बहने वाला व जुकाम के कारण सिरदर्द आदि में थोड़ा-सा घी गुनगुना करें। गुनगुने घी को अँगुली में लगाकर नाक के दोनों नथुनों में लगायें, एक-एक बूंद घी डालें और घी को ऊपर खींचें। तुरन्त आराम मिलना शुरू हो जायेगा। इस क्रिया को लगभग 10 मिनट बाद, फिर एक घण्टे बाद और आवश्यकतानुसार करते रहें, जुकाम जल्दी पककर ठीक हो जाता है।

     

    13. विष का प्रभाव (Poison effect)

    जिसने विष खाया हो या जिसे साँप ने काटा हो, जिसे प्लेग हो गया हो, उसे आधा पाव देशी घी, चार बार दूध के साथ या केवल घी पिला देने से सब प्रकार के विष बाहर निकल आते हैं। घी पीने के चार घण्टे बाद तेज गर्म पानी अधिकाधिक पिलायें। इससे उल्टी, दस्त होंगे। आवश्यकता हो तो दूसरे दिन भी पिलायें।

     

    14. जलना (To Burn)

    (1)  चालीस ग्राम सफेद राल बारीक पीसकर मैदा को चलनी से छानकर भगोने में डालकर गर्म करें। भली प्रकार सिक (Fried) जाये तब ठण्डा पानी डालकर चम्मच से हिलायें। ठण्डी होने पर इसमें मिला हुआ पानी निथारकर फेंक दें एवं सौ ग्राम घी मिलाकर इसे सौ बार पानी से धोयें। इसका लेप जले हुए पर नित्य करें। पट्टी नहीं बाँधे। जला हुआ शीघ्र ठीक हो जायेगा। एक वृद्ध सज्जन ने मेरे सामने इसकी सफलता की बहुत प्रशंसा की है।

     

     (2) अग्नि से जलने पर घी लगाने से लाभ होता है।

     

    15. बिवाइयाँ (Chilblains)

    देशी घी और नमक मिलाकर बिबाइयों पर लगायें। इससे त्वचा कोमल रहती है। जाड़ों में हाथ-पैर नहीं फटते।

     

    16. शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार (Improve Sperm Quality)

    शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में कमी का असर जन्म लेने वाली बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है। घी के सेवन से शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार होता है। शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए घी का सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

     

    17. टीबी में लाभदायक (Beneficial in TB)

    टीबी एक गंभीर बीमारी है और इसका सही समय पर इलाज कराना बेहद ज़रूरी है। आयुर्वेद के अनुसार टीबी के मरीजों के लिए घी का सेवन करना फायदेमंद रहता है। हालांकि टीबी के इलाज के लिए सिर्फ घरेलू नुस्खों पर निर्भर ना रहें बल्कि नियमित अंतराल पर चिकित्सक के पास जाकर अपनी जांच कराएँ।

     

    18. पैरों में जलन (Burning Feet)

    पैरों में घी या मक्खन मल कर आग से तपायें, इससे जलन दूर होगी।

     

    19. हिचकी रोकने में  (To Stop Hiccups)

    थोड़ा-सा गर्म-गर्म देशी घी पी लेने से हिचकी बन्द हो जाती है। नाभि पर घी गर्म करके लगायें। गर्म दूध जितना पिया जा सके, घी में एक चम्मच मिलाकर पिलायें। हिचकी बन्द हो जायेगी।

     

    20. मोटापा घटाना (Weight Loss)

    ऱोज सुबह : पैर के तलवों पर घी की मालिश करके दो किलोमीटर घूमें। मोटापा कम होगा।

     

    21. मोटापा बढ़ाना (Weight Gain)  

    Ghee और शक्कर मिलाकर खाने से शरीर मोटा हो जाता है।

     

    22. हवन (Havan)

    कमरे में गोबर का छाणा (कंडा) जलाकर उस पर चौथाई चम्मच चावल एक चम्मच घी में मिलाकर डालें। इसके धुएँ से वातावरण शुद्ध होगा। कमरे में ऑक्सीजन भर जायेगी।desi ghee ke fayde in hindi,desi ghee khane ke fayde.

     

    23. चेहरे के काले दाग (Black Stain)

    रात को सोते समय घी को चेहरे पर मलने से चेहरे के काले दाग और चोट के दाग मिट जाते हैं।

     

    24. होंठ फटना  (Lip Clenching) –

    घी में जरा-सा नमक मिलाकर होंठों व नाभि पर सुबह व रात को लगाने से होंठ फटना बन्द हो जाते हैं। चेहरे पर दूध की मलाई लगाने से भी लाभ होता है।

     

    25. नेत्र (Eyes)

    ज्योति बढ़ाने हेतु गाय का ताजा घी और मिश्री मिलाकर तीन महीने खायें। घी खाना भी आँखों के लिए उपकारी है। Desi ghee ke fayde hindi me,desi ghee benefits.

     

    26. अम्लपित्त (Acidity)

    देशी घी की मालिश दोनों तलवों पर नित्य दस मिनट रात को सोते समय करने से अम्लपित्त में लाभ होता है।

     

    27. बाला (Bala)

    50 ग्राम घी गर्म करके नित्य एक बार तीन दिन तक पीने से बाला रोग चला जाता है।

     

    28. रक्तार्श (Blood pressure) –

    एक चम्मच तिल पीसकर एक चम्मच घी में मिलाकर नित्य एक बार खायें।

     

     

    देसी घी कब खाना चाहिए?

    Ghee Kab Khana Chahiye? When Should one Eat Ghee?

    घी को कब खाना चाहिए घी को रोज सुबह खली पेट खाना चाहिए खली पेट घी खाने से बहुत ज्यादा फायदा होता है इसलिय खली पेट सुबह में खाना बहुत अच्छा होता है।

     

     

    कैसा घी नहीं खाना चाहिए?

    What Kind of Ghee Should not be Eaten?

    कांसे के बर्तन में दस दिन या इससे ज्यादा समय से रखा हुआ घी नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह विषैला हो जाता है। इसी तरह अगर घी से किसी तरह की दुर्गंध आ रही है तो उस घी का सेवन ना करें।

     

     

    घी खाने से क्या नुकसान है?

    What are the Disadvantages of Eating Ghee?

    देसी घी के नुकसान

    कभी भी घी का सेवन बहुत अधिक मात्रा में ना करें| ज्यादा मात्रा में घी के सेवन से आपका हाजमा बिगड़ सकता है। अगर आप किसी बीमारी के घरेलू इलाज के रूप में घी का उपयोग करना चाहते हैं तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।

     

     

    घर पर घी कैसे बनाते हैं?

    How to Make Ghee at Home?

    फुल फैट या भारी क्रीम का उपयोग करके स्वादिष्ट और स्वस्थ घी तैयार किया जा सकता है। आप या तो इसे स्टोर से खरीद सकते हैं या दूध के ऊपर जमने वाली गाढ़ी क्रीम को इकट्ठा कर सकते हैं।

    लगभग 2 कप हैवी क्रीम लें और इसमें लगभग 1 बड़ा चम्मच दही मिलाएं। इसे लगभग 7 से 8 घंटे के लिए बाहर छोड़ दें।

    फिर क्रीम को 5 से 6 घंटे के लिए फ्रिज में रख दें।

    इस क्रीम में ठंडा पानी डालें और फ़ूड प्रोसेसर में तब तक ब्लेंड करें जब तक कि छाछ छोड़कर मक्खन अलग न हो जाए। आप इस छाछ का उपयोग विभिन्न प्रयोजनों के लिए कर सकते हैं।

    मक्खन निकाल कर अच्छी तरह से दो-तीन बार धो लें। फिर इस मक्खन को गरम करने के लिए रख दें

    जब मक्खन उबलने लगे तो बीच-बीच में चलाते रहें। तरल भाग धीरे-धीरे वाष्पित हो जाएगा और दूध के ठोस पदार्थ पैन के तल पर बस जाएंगे।

    शेष सुनहरा पीला तरल घी है। एक बार जब यह ठंडा हो जाए, तो दूध के ठोस पदार्थ निकालने के लिए इसे छान लें।

    घी को बंद डिब्बे में भरकर रख लें।

     


    Desi देसी घी कौन सा अच्छा है?

    Deshi Ghee Kon Sa Sabse Achha Hai? Which Desi Ghee is Best?

     


    अंतिम शब्द :-

    Last Words :-

    आपको इस लेख को पढ़कर आपकी क्या राय है ये हमे जरुर बताइए या फिर इससे जुडी कोई भी Doubt आपके मन में है तो आप निचे Comment कर पूछ सकते हैं। यदि आप चाहें की देशी घी के फायदे क्या है देशी घी के फायदे क्या है? घी के फायदे क्या है? Ghee Khane Ke Fayde? Benefits of Desi Ghee? से सम्बंधित ये जानकारी और लोगों तक पहुंचे तब इस Post को Social Media में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ Share करना मत भूलना। यदि आप चाहते हैं की घी के फायदे क्या है (Ghee Khane Ke Fayde) से सम्बंधित और जानकारी हम आपको प्रदान करें तब हमारे Blog के लिंक को Bookmark करना मत भूलना।

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    घी FAQ

     

    1 दिन में कितना घी खाना चाहिए?

    डॉक्टर्स बताते हैं कि अनेक फायदे होने के बावजूद भी आपको एक दिन में दो चम्मच से ज्यादा घी नहीं खाना चाहिए

     

     

    क्या घी खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है?

    देसी घी बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को सही रखता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है, इसलिए अगर आप कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान हैं, तो अपनी डाइट में देसी घी जरूर लें और अगर यह गाय का देशी घी हो तो बहुत अच्छा। हां, इसकी मात्रा जरूरत से ज्यादा न हो।

     

    100 ग्राम घी में कितनी कैलोरी होती है?

    1 चम्मच घी में 112 कैलोरी और 12 ग्राम फैट होता है। द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिसर्च के अनुसार 12 ग्राम घी की मात्रा रोज की डाइट में फैट के सिर्फ 7 प्रतिशत का ही हिस्सा है जबकि हमें अपनी डाइट में रोज 25 प्रतिशत फैट लेना चाहिए। घी खाने से ब्लड में एचडीएच लेवल इंप्रूव होता है जो हार्ट के लिए हेल्दी है।

     

     

    घी खाने से गैस बनती है क्या?

    कब्ज, शौच साफ न होने की समस्या संबंधी सवाल के जवाब में बताया गया कि भोजन में घी-तेल कम, रेशेदार भोजन, मौसमी फल व सब्जियों का अधिक सेवन करें। गरम भोजन लेने पर गैस बनने, शौच साफ न होने, मांसाहारी भोजन खाने पर परेशानी बढ़ने के बारे में पूछे जाने पर बताया कि जिस भोजन से परेशानी हो रही है, उससे यथासंभव परहेज करें।

     

     

    भैंस का घी कितने रुपए किलो है?

    वो हर महीने करीब 1500 लीटर शुद्ध घी तैयार करके मुंबई, दिल्ली, बैंगलुरु, जयपुर, पुणे, गुड़गांव और कोलकाता में ऑनलाइन वेबसाइट फ्लिपकार्ट, अमेज़न, ईबे के जरिए बेचते हैं। कीमत भी अच्छी खासी है, 2000 रुपए किलो।

     

    गाय का घी आँख में लगाने से क्या होता है?

    इसके नियमत सेवन करने से नेत्रों से कम दिखना, आँखों के आगे धुंधलापन होना,अँधेरा छा जाना, सर में दर्द रहना, आँखों की कमजोरी एवं समस्त आँखों के विकारो को दूर करता है। इसको एक चम्मच गाय के घी और आधा चम्मच शहद के साथ सुबह -शाम सेवन करना चाहिए।

     

    दूध में घी मिलाकर पीने से वजन बढ़ता है क्या?

    दूध के साथ घी- जब शरीर का भोजन सही तरीके से पचता नहीं है तो पेट में गैस (Stomach Gas) और पेट दर्द (Stomach Pain) के साथ ही वजन भी बढता है| आयुर्वेद की मानें तो 1 गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच (Milk With Ghee) घी डालकर पीने से कब्ज (Constipation) की समस्या दूर होती है| पाचन अगर बेहतर होता है वजन घटाने में मदद मिलती है|

     

    घी की तासीर क्या है?

    घी के बारे में कहा जाता है कि उसकी तासीर गर्म होती है। घी की खपत ठंड के मौसम में अपने घर में बढ़ा दें। न सिर्फ इसमें तरह-तरह की रेसिपी बनाएं, बल्कि तैयार डिश जैसे सब्जी, दाल आदि में इसे ऊपर से भी डालें। ठंड के मौसम में घी से चुपड़ी रोटी खाना भी नहीं भूलें।

     

     

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