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कपिल देव की जीवनी हिंदी में Kapil Dev Biography in Hindi

 Kapil Dev Biography in Hindi

कपिल देव की जीवनी हिंदी में

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Kapil Dev's life introduction

कपिल देव का जीवन परिचय 

कपिल देव क्रिकेट की दुनिया का एक ऐसा नाम हैं, जिनको क्रिकेट में उच्च एवं सम्मानीय दर्जा प्राप्त है| इस महान खिलाड़ी ने भारत में पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप लाने का काम किया था, जिसको उस समय किसी ने भी सपने में भी नहीं सोचा था| इन्होंने साल 1999 एवं साल 2000 के बीच 10 महीने तक भारत के कोच की भूमिका निभाई थी| हरियाणा तूफान के नाम से जाने वाले इस क्रिकेटर को क्रिकेट पिच पर कभी भी रन आउट होते हुए नहीं देखा गया था| इस खिलाड़ी ने अपनी फिटनेस पर इतना ध्यान दिया हुआ था कि सेहत की वजह से इन्हें कभी भी टेस्ट मैच से बाहर नहीं किया गया| कपिल देव दाएं हाथ के बल्लेबाज होने के साथ साथ दाएं हाथ के तेज गेंदबाज भी थे, जो तेजी से रन बनाना पसंद करते थे|


Birth, family and education of Kapil Dev

कपिल देव का  जन्म, परिवार और शिक्षा – 

भारत के यह दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव जी 6 जनवरी, 1959 को पंजाब के मशहूर शहर चंडीगढ़ में बिल्डर और लकड़ी के व्यापारी रामलाल निखंज के 6वीं संतान के रुप में जन्में थें। इनकी माता राजाकुमारी लाजवंती एक घरेलू महिला हैं। कपिल देव जी सात भाई-बहन हैं।

आजादी के बाद भारत-पाक विभाजन से पहले उनका परिवार पहले पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता था, लेकिन विभाजन के बाद उनका परिवार भारत में आकर रहने लगा था। कपिल देव जी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई चंडीगढ़ के डी||वीं| कॉलेज से की और ग्रेजुएशन की पढ़ाई उन्होंने सेंट एडवर्ड कॉलेज से की।

 

वहीं शुरुआत से ही क्रिकेट की तरफ अत्याधिक रुझान होने की वजह से वे क्रिकेट की प्रैक्टिस करने लगे थे, उन्होंने क्रिकेट जगत के मशहूर कोच देश प्रेम आजाद से क्रिकेट खेलने की अद्भुत कला सीखी थी। वहीं साल 1980 में जब कपिल देव जी 21 साल के थे, तब इनकी शादी रोमी भाटिया जी से हो गई थी। शादी के बाद दोनों को एक बच्ची पैदा हुई जिसका नाम अमिया देव है।






Kapil Dev Cricket Career details

कपिल देव का क्रिकेट करियर 

कपिल देव का करियर सन् 1975 से प्रारम्भ हुआ था| जब इन्होंने हरियाणा के लिए पंजाब के विरुद्ध मैच खेला था, जिसमें कपिल देव ने 6 विकेट के साथ हरियाणा को शानदार जीत दिलाकर, पंजाब को 63 रन पर ही ढेर कर दिया था|

 

सन् 1976 -77 में जम्मू कश्मीर के विरुद्ध खेले गए एक मैच में इन्होंने 08 विकेट लिए तथा 36 रन बनाये और उन्होंने उसी वर्ष बंगाल के विरुद्ध 07 विकेट तथा 20 रन बनाये थे| इन दोनों मैचों में इनकी प्रतिभा सबको दिखाई देने लगी|

 

इसके बाद इन्होंने सन् 1978 में टेस्ट मैच खेलना प्रारम्भ कर दिया था| इन्होंने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला था| इस मैच में कपिल देव ने सिर्फ 13 रन बनाए थे, हालांकि 1 विकेट भी लिया था|

 

कपिल देव ने बेहतरीन बल्लेबाजी से सन् 1979 -1980 में उन्होंने दिल्ली के खिलाफ 193 रन की नाबाद पारी खेलकर हरियाणा को शानदार जीत दिलायी| ये उनके करियर का पहला शतक था| जिसके बाद साबित हो गया की कपिल देव सिर्फ गेंदबाजी से ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी से भी भारत को जीत दिला सकते हैं| इनकी दोनों प्रतिभाओं की बदौलत इनको अभी तक का सबसे बेहतरीन आलराउंडर माना जाता है|

 

17 अक्टूबर सन् 1979 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 124 में 126 रन बनाये थे| इसको इनकी एक यादगार पारी के रूप में गिना जाता है|




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Kapil Dev's Family


(Kapil Dev Captaincy period)

कप्तानी

उस समय सन् 1982-83 में भारत श्रीलंका से मैच खेलने गया हुआ था| लेकिन आधिकारिक तौर पर इन्हें वेस्टइंडीज में हो रही एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में कप्तान बनने का मौका मिला| उस समय वेस्टइंडीज टीम का काफी बोलबाला था, मतलब उस समय वेस्टइंडीज टीम को हराना नामुमकिन सा था| और सुनील गावस्कर की शानदार पारी के सहारे वेस्टइंडीज को भारत ने एक मैच में हरा दिया था| उस मैच में सुनील गावस्कर जो इनके साथी खिलाड़ी थे उन्होंने 90 रन बनाये थे| वहीं कपिल देव ने 72 रन बनाने के साथ-साथ 2 विकेट भी चटकाए थे| इसी जीत की बदौलत भारत को आने वाले वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज को हरा पाने का विश्वास बढ़ गया| जो कि विश्व कप हासिल करने में दिखाई दिया था|




1983 का वर्ल्ड कप (1983 World cup)

उसके बाद 1983 के वर्ल्ड कप का समय आया| हालांकि पिछले विश्व कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन को देखने के बाद किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि भारत विश्व कप जीत सकता है| जब कपिल देव ने वर्ल्ड कप में खेलना शुरू किया था तब इनका औसत: 24|94 सामान्य बॉलर की तरह ही था| भारत को सेमीफइनल में पहुंचने के लिए ज़िम्बाब्वे से मैच जीतना आवश्यक हो गया था| उस मैच के दौरान भारत लगभग हार की ओर बढ़ ही रहा था कि कपिल देव ने अपनी शानदार बल्लेबाजी की बदौलत मैच संभाल लिया| इसी मैच के दौरान इन्होंने 175 रन बनाकर ज़िम्बाब्बे की गेंदबाजी को धोकर रख दिया, क्योंकि इन्होंने सिर्फ 138 गेंदों में ये रन बनाएं थे| जिसमें इन्होंने 22 बॉउंड्रीज, 16 चौके और 6 छक्कों की मदद से लगाईं थीं| 9 वें विकेट के लिए 126 रन की सबसे बड़ी साझेदारी किरमानी (22 रन) एवं कपिल देव के बीच हुई थी, जिसको 27 सालों तक कोई नहीं तोडा पाया था| इतना ही नहीं इसी मैच में कपिल देव ने शानदार गेंदबाजी करते हुए ज़िम्बाब्बे के 5 विकेट भी लिए थे| 

इसके बाद कपिल देव को मर्सिडीज कार पुरस्कार के रूप में मिली, यही पारी इनके जीवन की सबसे यादगार एवं महत्वपूर्ण पारी थी| जिसने इनको सबकी नजरों में महान बनाया| इस मैच की बदौलत भारत का 1983 के विश्व कप में जीत के लिए अपना सफर तय कर पाने का रास्ता मिला था| 1983 के विश्व कप के दौरान बीबीसी की हड़ताल की वजह से इस मैच का टेलीकास्ट नहीं हो सका था और इस मैच का लुफ्त क्रिकेट प्रेमी नहीं उठा सके थे|

भारत को 1983 विश्व कप अपने नाम करने के लिए वेस्टइंडीज को फाइनल में हराना पड़ा था|  भारत ने कपिल देव की कप्तानी में 1983 में इंग्लैंड में होने वाले इस वर्ल्ड कप को जीतकर इतिहास रच दिया| कहा जाता है इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत भी क्रिकेट की दुनिया का सितारा बनकर सामने आया| इस समय भारत को एक अलग स्तर पर देखा जाता है| इतना ही नहीं भारत ने अभी तक सभी तरह की ट्रॉफी जीत रखीं है|



कपिल देव के करियर का बुरा दौर

उसके बाद 1984 में वेस्टइंडीज के साथ टेस्ट मैचों के साथ एकदिवसीय मैंचों की श्रृंखला का आयोजन किया गया| जिसमें भारत की बुरी हार हुई| वहीं ये कपिल देव के करियर का सबसे बुरा वक्त था, जिससे चयनकर्ताओं ने इनको कप्तानी के पद से हटाने का फैसला लिया और फिर से गावस्कर को कप्तान बना दिया गया|

इसके बाद कपिल देव 1987 में कप्तान बनाया गया, जिसमें भारत सेमीफाइनल तक पहुंचा था| लेकिन भारत इंग्लैंड से हारकर विश्व कप जीतने में असफल रहा और सबने इसके लिए देव पर ही इल्जाम लगा दिया| एक बार फिर से इनसे कप्तानी छीनकर गावस्कर को दे दी गई, यही इनकी कप्तानी का अंतिम सफर था| जिसके बाद इनको कभी भी कप्तान बनने का मौका नहीं मिला| हालांकि 1989 में उपकप्तान जरूर बनाया गया था|




Kapil Dev as a Coach

कपिल देव के कोच बनने का सफर 

बीसीसीआई ने इन्हें भारत का कोच नियुक्त किया लेकिन कुछ विवाद के चलते इन्होंने केवल 10 महीने में ही इस्तीफा दे दिया कहा जाता है कि ऑस्ट्रेलिया से भारत के 2-0 से श्रृंखला हारने के बाद इन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया गया था| जिसके चलते इन्होंने इन सब बेबुनियादी आरोपों से बचने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया|





Kapil Dev Awards

कपिल देव को पुरस्कार एवं सम्मान – 

दुनिया के सबसे श्रेष्ठतम क्रिकेटर कपिल देव जी को क्रिकेट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने एवं उनके बेहतरीन खेल प्रदर्शन से प्रभावित होकर भारत सरकार ने उन्हें साल 1979-1980 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा।

क्रिकेट के ऑलराउंडर कपिल देव जी के क्रिकेट खेलने की हुनर को देखते हुए भारत सरकार ने साल 1982 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागिरक सम्मान एक पद्म श्री से नवाजा था।

साल 1983 में वर्ल्ड कप में कपिल देव जी के शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया।

साल 1991 में कपिल देव को उनकी क्रिकेट खेलने की अद्भुत खेल प्रतिभा को देखते हुए भारत के सर्वोच्च पुरस्कार में से एक पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया।

इसके बाद साल 2002 में कपिल देव जी को सदी के विज्डन क्रिकेटर का खिताब दिया गया।

साल 2010 में कपिल देव जी को उनके क्रिकेट खेलने के हुनर को लेकर ICC क्रिकेट हॉल ऑफ फेम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

साल 2013 में NDTV द्धारा उन्हें 25 ग्लोबल लिविंग लीजेंड्स में से एक का खिताब दिया गया । इसके साथ ही इसकी साल कपिल देव जी को सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा गया।






Kapil Dev in films: -

फिल्मों में कपिल देव:-

क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना चुके महान क्रिकेटर कपिल देव जी ने बॉलीवुड में भी अपना जलवा बिखेरा है। कपिल देव जी बॉलीवुड फिल्म मुझसे शादी करोगी”, ”चैन कुली की मैन कुली”, “दिल्लगीये दिल्लगी” ”आर्यन अनब्रेकएबलऔऱ इकबाल जैसे बेहतरीन फिल्मों में शानदार अभिनय कर चुके हैं।






Kapil Dev Biopic Film

कपिल देव की बायोपिक फिल्म

किक्रेट की दुनिया के महान ऑलराउंडर कपिल देव जी की बायोपिक फिल्म 10 अप्रैल साल 2020 को रिलीज होगी। इस फिल्म पर भारतीय हिन्दी सिनेमा के मशहूर निर्देशक कबीर खान जी बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता रणवीर सिंह के साथ काम करेंगे। इस फिल्म में रणवीर सिंह जी कपिल देव जी की भूमिका में नजर आएंगे।

आपको बता दें कि यह फिल्म साल 1983 में कपिल देव की कप्तानी में क्रिकेट वर्ल्ड कप में हुई भारत की शानदार और ऐतिहासिक जीत पर आधारित है। फिलहाल इस फिल्म का कपिल देव जी के प्रशंसकों को काफी इंतजार है।





Kapil Dev has written three autobiographies.

कपिल देव ने तीन आत्मकथाएं लिखी हैं। 

जैसे कि “By God’s Decree (1985)”, “क्रिकेट माई स्टाइल (1987)”, “स्ट्रेट फ्रॉम द हार्ट (2004)”, इत्यादि।


                                                            

कपिल देव के जीवन से जुड़ी दिलचस्प एवं रोचक बातें – Facts About Kapil Dev



Second business :-

दूसरा बिज़नस :-

वह भारत में दो रेस्तरां के मालिक हैं। जिनमें से एक चंडीगढ़ और एक पटना (Captain’s Eleven) में है। कपिल देव रेस्तरां




Controversy :-

विवाद :-

क्रिकेट करियर के दौरान, कपिल और सुनील गावस्कर के मध्य काफी मतभेद पाए गए।


वर्ष 2000 में, जब वह भारतीय क्रिकेट टीम के कोच थे, तब उन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया गया था। जिसके चलते उन्होंने भारतीय क्रिकेट कोच पद से इस्तीफा दे दिया।

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